आज श्री शाके १९४४ बि.स.२०७९ असोज ८ गते शनिबार इश्वी सन २०२२ सेप्टेम्बर २४ तारीख आश्विन कृष्णपक्ष चतुर्दशी तिथी पूर्वफाल्गुनी नक्षत्र साध्य योग भद्रा करण
आज श्री शाके १९४४ बि.स.२०७९ असोज ७ गते शुक्रबार इश्वी सन २०२२ सेप्टेम्बर २३ तारीख आश्विन कृष्णपक्ष त्रयोदशी तिथी मघा नक्षत्र सिद्ध योग गर करण चन्द्रमा सिंह राशिमा आनन्दादि योगमा
आज श्री शाके १९४४ बि.स.२०७९ असोज ६ गते बिहीबार इश्वी सन २०२२ सेप्टेम्बर २२ तारीख आश्विन कृष्णपक्ष द्वादशी तिथी अश्लेषा नक्षत्र शिव योग कौलव करण चन्द्रमा कर्कट राशिमा आनन्दादि योगमा
आज श्री शाके १९४४ बि.स.२०७९ असोज ५ गते बुधबार इश्वी सन २०२२ सेप्टेम्बर २१ तारीख आश्विन कृष्णपक्ष एकादशी तिथी तिष्य नक्षत्र परिघ योग वव करण चन्द्रमा कर्कट राशिमा आनन्दादि योगमा
आज श्री शाके १९४४ बि.स.२०७९ असोज ४ गते मंगलबार इश्वी सन २०२२ सेप्टेम्बर २० तारीख आश्विन कृष्णपक्ष दशमी तिथी पुनर्वशु नक्षत्र वरियान योग वणिज करण चन्द्रमा मिथुन राशिमा पश्चात कर्कट
आज श्री शाके १९४४ बि.स.२०७९ असोज ३ गते सोमबार इश्वी सन २०२२ सेप्टेम्बर १९ तारीख आश्विन कृष्णपक्ष नवमी तिथी आद्र्रा नक्षत्र व्यतीपात योग गर करण चन्द्रमा मिथुन राशिमा आनन्दादि योगमा
आज श्री शाके १९४४ बि.स.२०७९ असोज २ गते आईतबार इश्वी सन २०२२ सेप्टेम्बर १८ तारीख आश्विन कृष्णपक्ष अष्टमी पश्चात नवमी तिथी मृगशिरा पश्चात आद्र्रा नक्षत्र वज्र योग कौलव करण चन्द्रमा
आज श्री शाके १९४४ बि.स.२०७९ असोज १ गते शनिबार इश्वी सन २०२२ सेप्टेम्बर १७ तारीख आश्विन कृष्णपक्ष सप्तमी पश्चात अष्टमी तिथी रोहिणी पश्चात मृगशिरा नक्षत्र वज्र योग वव करण चन्द्रमा
आज श्री शाके १९४४ बि.स.२०७९ भदौ ३१ गते शुक्रबार इश्वी सन २०२२ सेप्टेम्बर १६ तारीख आश्विन कृष्णपक्ष षष्ठी पश्चात सप्तमी तिथी कृत्तिका पश्चात रोहिणी नक्षत्र हर्षण योग वणिज करण चन्द्रमा
आज श्री शाके १९४४ बि.स.२०७९ भदौ ३० गते बिहीबार इश्वी सन २०२२ सेप्टेम्बर १५ तारीख आश्विन कृष्णपक्ष पञ्चमी पश्चात षष्ठी तिथी भरणी पश्चात कृत्तिका नक्षत्र व्याधात योग तैतिल करण चन्द्रमा
आज श्री शाके १९४४ बि.स.२०७९ भदौ २९ गते बुधबार इश्वी सन २०२२ सेप्टेम्बर १४ तारीख आश्विन कृष्णपक्ष चतुर्थी पश्चात पञ्चमी तिथी अश्विनी पश्चात भरणी नक्षत्र ध्रुब योग बालव करण चन्द्रमा
आज श्री शाके १९४४ बि.स.२०७९ भदौ २८ गते मंगलबार इश्वी सन २०२२ सेप्टेम्बर १३ तारीख आश्विन कृष्णपक्ष तृतीया पश्चात चतुर्थी तिथी रेवती पश्चात अश्विनीनक्षत्र वृद्धि योग भद्रा करण चन्द्रमा मिन